तू चल चल और चलता चला चल
मिलना है उसे , अभी, आज नहीं तो फिर कल।।
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तू चल तो सही राहे भी मिल जायेगी
आगे तो बढ़ 2 बांहे भी मिल जायेगी
यु थककर बेठ जाना सफर के लिए ठीक नहीं
मंजिल से पहले हार जाना ठीक नहीं
हिम्मत करने से रास्ते आसान होते है
जीतते वो हे जिनके इरादे पाषाण होते है
किस्मत का रोना रोया नहीं करते
मेहनत से मिलना हे तो उसे खोया नहीं करते
तो चल चल और चलता चला चल
मिलना है उसे, अभी, आज नहीं तो फिर कल
सफलता जब कदम तेरे चुम जायेगी
जमाने को तेरी तब कीमत समझ आएगी।।
तो मत कर वक्त बर्बाद जमाने को समझाने में
करदे आगाज सफर का तू अपने तराने में
तो चल चल और चलता चला चल
मिलना है उसे , अभी, आज नहीं तो फिर कल।।
रोहित नागर
Www.Bewithrohit.blogspot.in
www.kavirohit.wordpress.com
Thursday, November 17, 2016
Tu chal तू चल
Thursday, October 13, 2016
दाग पे व्यंग
पहले धुलाई के लिए हिंदुस्तानी कम्पनियो ने विज्ञापन निकाले दाग छुप जाएंगे, दाग मिट जायेंगे
फिर विदेसी कम्पनिया आई और सोचने लगी के जब हम हमारे यहाँ के जिद्दी दाग हटा सकती है तो यंहा के क्यों नहीं और अपनी प्रचार लें राखी दाग का नामोनिशान नहीं रहेगा, जब पता चला के ये हिंदुस्तानी दाग हे संसद तक जिनकी पहुच हे उसे हटाना बस की बात नहीं तो तक हर कर उसे अपनी प्रचार लाइन बदलकर करनी पड़ी दाग अच्छे हे।
Saturday, October 01, 2016
जानम मेरी लाइफ लाइन हो तुम
माँ माँ ओ माँ ये केसी दिवाली हे
बहुत हो चूका उठ जंवा जंग का एलान कर
कारगिल क्या हर युध में हमने दी हे मात
Saturday, February 20, 2016
राष्ट्र प्रथम
आज ये ब्लॉग लिखते वक़्त मेरे मन में क्रोध, देश के लिए करुणा, देश द्रोहियो के लिए आक्रोश, तथाकथित बुद्धिजीवियो अति सहिष्णु पत्रकार व् मिडिया के लिए तरस हे।
केसी आज़ादी चाहिए हमें और किस से चाहिए वो आज़ादी, किस कीमत पर चाहिए वो आज़ादी?
जो देश विरोधी हरकते कर रहे हे क्या उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं हे की जिस तिरंगे की वो इज्जत नीलाम कर रहे हे उसी तिरंगे के लिए कितने शहीदों ने बलिदान दिए हे।
क्या भगत सिंह ने क़ुरबानी मजाक में दी थी,
आज़ाद ने गोली अपने आप को मारी थी क्यों क्योंकि वो दुश्मन के हाथों नहीं मरना चाहते थे, तो सोंचो उस माँ भारती पर क्या गुजरती होगी जब उसका ही खून उसी के टुकड़े करने की बात करता हे।
वकीलो ने जो किआ वो ठीक किया कोई तो मर्द हे जो अपनी माँ के लिए गाली नहीं सुन सकता,
आप जिसे चाहे गाली दो देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट, आप आज़ाद जो हो , वो भी भारत देश के आज़ाद,
लेकिन साब इतने भी आज़ाद मत बनो के माँ भारती को गाली दो,
कल जनरल बक्शी साहब रोने लगे थे कितना दर्द होता होगा जवानो को जो अपनी जान की बाजी लगाते हे, किन के लिए हमारे लिए और हम जो की आज़ाद हे उनकी क़ुरबानी को गाली दे,
साब आप कभी एक रात ठण्ड में बिना कम्बल के सो जाना तब समझ में आएगा के सियाचिन में वो बर्फ की चादर कैसे ओढ़कर सोते होंगे,
और नेता जी आप देश की जनता की सेवा के लिए हे आप को जनता ने चुना हे देश का मान सम्मान बढाने के लिए आप देशद्रोहियो के हितेषी बन जाते हे सिर्फ कुछ वर्ग विशेष का वोट पाने के लिए, लानत हे आपकी ऐसी ओछी राजनीति पर।
कुछ पत्रकार का वा मीडिया तो इतना सहिष्णु हे की कोई इनकी माँ को गाली दे तो ये उसे भी इनाम और मान सम्मान देने चले जाते हे, क्यों क्योंकि उसके लिए भी इन्हें पैसा जो मिलता होगा।
क्रोध में कुछ अनर्गल लिखने से बेहतर हे के अपने शब्दों को विराम दू और बस यही कामना और दुआ करता हु के ज्यादा समझदार लोगो को थोड़ी सद्बुद्धि दे।
जो भरा नहीं हो भावो से, बहती जिसमे रसधार नहीं
वो ह्रदय नहीं हे पत्थर हे जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं।।
।।जय हिन्द जय भारत।।
Wednesday, January 27, 2016
ऐसा कोई दिन
ऐसा कोई दिन ना आये
मुझसे तू जुदा हो जाये
वो दिन आने से पहले
रब्बा मेरी जान चली जाये
सांसो में तू हरदम मेरे
फूलो के जेसी महका करे
दिल में मेरे दिलबर सनम
बनके धड़कन धडकती रहे
कोई भी पल ऐसा न हो
जब साथ मेरे ना तेरा साथ हो
साथ साथ ये सफर निकल जाए
कोई।।।।।
माँ माँ ओ माँ ये केसी दिवाली हे
By:-Rohit Sharma(9893444866):- माँ माँ ओ माँ ये केसी दिवाली हे सबके घर उजाला हे, अपनी राते काली हे माँ माँ कितने दिन से पापा का दे...
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