सुन ले आमिर कुछ बोलने से पहले
सोचले जरा अपना मुह खोलने से पहले
देश ये खराब नहीं देश तो महान हे
जिसके लिए हुए लाखों शहीद कुर्बान हे
तूने आज जिस माँ को लजाया हे
उसने तुझे अपने शीश पे बिठाया हे
जिसने बनाया तुझे अमीर ओ आमिर सुन
वो आवाम आज कैसे तुझे रास नहीं आई हे।
आज उस फ़िज़ा को तूने असहिष्णु कहा हे
उस फ़िज़ा में क्या तूने कभी थप्पड़ भी खाई हे
जब रोज वहा सरहद पे शहीद कोई होता था
तब तेरी आँखों में क्यों लाज नहीं आई हे।
नहीं शोक तुझे हमे और पालने का
जा जहा तुझे कोई और अच्छा मुल्क मिल जाये
हमने तो तुझे दिल से हटाने की कसम खाई हे।।
सहिष्णु रोहित
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