जीवन
वेसे तो एक सीधा सा प्रश्न हे जीवन क्या हे?
मगर इसका जवाब उतना ही मुश्किल हे!
इसका जवाब परिस्थितियों के मुताबिक हम ढूंढे तो समझ आएगा की ये इतना आसान नहीं हे।
खुश हो तो इसका अलग अर्थ।
दुख हो तो अलग
मिलना हो किसीसे तो अलग
वियोग हो किसीका तो अलग
कुछ पाना हो तो अलग
कुछ खोना हो तो अलग
और सबसे बड़ी बात ये की जीवन का निष्कर्ष क्या हे।
क्या उम्र गुजरना या वक़्त का बीत जाना ही जीवन हे
क्या बड़ा आदमी बन जाना ही जीवन हे।
क्या धन का साम्राज्य खड़ा कर जाना ही जीवन हे
शायद नहीं!
तो फिर क्या हे जीवन!
जीवन हे रोते को हँसाना जीवन हे
भूखे को खिलाना जीवन हे
भटके को पहुचाना जीवन हे
बिगड़े को बनाना जीवन हे
अपने और गेरो को अपनाना जीवन हे
पैसा नहीं प्यार कमाना जीवन हे
और ये सब करते हुए अपने आप को इंसान बनाना जीवन हे।
इति श्री
रोहित शर्मा
9893444866
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